Friday, March 26, 2010

हाँ कर दे !

कभी चाहते थे इतना कि हम उनके दिल-ए-अजीज़ थे ।
आज देखना भी गवारा नहीं करते ।।
हमसे क्या हुई ख़ता इतना तो बता दे ।
रहमत होगी अगर तू पास आये ।।
मैं हर मुिश्कल से लड़ लेता ।
तुम अगर साथ देते ।।
ऐ दोस्त आजा तू एक बार ।
स्ुना सुना सा है दिल मेरा ।।
बस कह दे तू हाँ मेरे यार एक बार ।
दूर ही सही कि तू मेरे पास है ।।
हवाएं ले आयेंगी तेरी खुश्बू ।
बस एक बार तू हाँ कर दे ।।।

Monday, March 22, 2010

ये बड़ो की बात है जी

बड़े लोगों की होती है बड़ी बातें।
छोटा तो दिन में भी
छोटी शर्म का काम करते भी घबड़ाये
बड़ा आदमी गरियाता है
गुजारकर बेशर्म रातें।।
———-
छोटे आदमी की रुचि
फांसी पर झूले
या लजा तालाब में डूबे
बड़ा आदमी अपनी रातें गरम कर
कुचलता है कलियां
फिर झूठी हमदर्दी जताये।
बड़े आदमी की विलासता भी
लगाती उसके पद पर ऊंचे पाये।
———
हर जगह बड़े आदमी की शिकायत
बरसों तक कागजों के ढेर के नीचे
दबी पड़ी है।
छोटे की हाय भी
उसके बीच में इंसाफ की उम्मीद लिये
जिंदा होकर सांसें अड़ी है।
बड़े लोग हो गये बेवफा
पर समय की ताकत के आगे
हारता है हर कोई
हाय छोटी है तो क्या
इंसाफ की उसकी उम्मीद बड़ी है।

Tuesday, March 9, 2010

बचपन

चंचल, बोधरहित, मनभावन, सहज, सरल, मन ऊपवानास्वथा
प्रेम जागृत कर जाये, कितना प्यारा बचपन
रंच मात्र का लोभ नहीं, ना राग - द्वेष की बातें
मस्ती का वह जीवन बीता, बाकी केवल यादें
वो क्षण भर,मन का रूठना, अगले पल ही धूम मचाना
जटिल बड़ा लगता अब सबकुछ, वो सामर्थ्य नहीं, पहचाना
वो भूल कोई कर, डर, माँ के आँचल छिप जानाकिताना
साहस भर जाता था, वो स्नेह शरण का पाना
बचपन की वो हंसी ठिठोली, ख्वाबो की मुक्त उडानें
आज बंधा सा लगता जीवन, बचपन क्या, अब जानें
काश यदि होता संभव, वक़्त को, उल्टे पैर चलाना
जग जीवन से, राहत कितना, देता बचपन का आना

Thursday, March 4, 2010

देश के लिए कुछ समय दे .....

जय भारत की कल्पना तभी की जा सकती है जब हमें अपने अतीत को ध्यान में रखा जाये । और उसे हम यानि मैं और आप । तो क्या आप तैयार है देश के विकास में योगदान देने की लिए । तो अपने विचारो को लिखे । शिवेन्दु राय