Sunday, December 26, 2010

शब्द देश के नाम ....

स्वप्न देखा था कभी जो आज हर धड़कन में है
एक नया भारत बनाने का इरादा मन में है
एक नया भारत, कि जिसमे एक नया विश्वास हो
जिसकी आँखों में चमक हो, एक नया उल्लास हो
हो जहाँ सन्मान हर एक जाति, हर एक धर्म का
सब समर्पित हो जिसे, वह लक्ष्य जिसके पास हो
एक नया अभियान अपने देश पर जन - जन में है
एक नया भारत बनाने का इरादा मन में है
बढ़ रहे हेई हम प्रगति की ओर, जिस रफ्तार से
कर रहा हमको नमन, यह विश्व भी उस पार से
पर अधूरी है विजय जब तक गरीबी है यहाँ
मुक्त करना है हमें अब देश को इस भार से
एक नया संकल्प सा अब तो यहाँ जीवन में है
एक नया भारत बनाने का इरादा मन में है
भूख जो जड़ से मिटा दे, वह उगाना है हमें
प्यास ना बाकी रहे, वह जल बहाना है हमें
जो प्रगति से जोड़ दे, ऐसी सड़क ही चाहिए
देश सारा गा सके वह गीत गाना है हमें
एक नया संगीत देखो आज तो कण कण में है
एक नया भारत बनाने का इरादा मन में

No comments: