Wednesday, December 1, 2010

दिल की पीड़ा !

ढूढता है दिल उनका पता ,जो रात सपने में आये
ललसायी आँखों में मुरझाये स्वप्न लिए ,
पूछा मुझसे क्या जगह दोगे अपने दिल में .
घबराया मैं अंतर मन में ,
स्वप्न है या हकीक़त मेरे मन में ,
बदन में है तब से सिहरन ,
सुबह हुई हम तार तार हो गए ,
उनकी याद में हम बेकरार हो गए ,
अगली रात एक नवयावाना मेरे सपने में आई ..........

1 comment:

ये तो सबको पता है said...

rat kali ek khawab me aai or gale ka har hui... ye hal to umar ke is pdaw m sab ka hota h sivendu jo aapka hal h wahi hmara hal h bahot khub