कविता तो लिखना नहीं आता है ,पर भावनाओ को लिख देता हूँ ,कुछ लोग इसे रचनात्मकता कहते है |"कविता etc" वह जगह है जहां किसी मन की अभिव्यक्तियों को शब्दों में पिरो कर रखा गया है. कभी कभी मन कुछ कहता है. हम वाह्य दुनियां में इस तरह खो जाते है कि वह आवाज हमारे कानों तक नहीं पहुचती. फुर्सत में जब कभी हम अपने मन की बातें सुनते है तो वे बातें कुछ ऐसे ही होती है जैसे इस ब्लॉग में लिखी गयी है.
Saturday, September 27, 2008
मेरी सबसे प्यारी कविता
आज सुबहाकुछ यूँ हुआ किबारिश के पानी के तालाब मेंतैरती दिखी एक कागज़ की नावऔर वही खड़ी ताली बजातीहंस रही थी छोटी बहनवो नावदरअसल एक कविता थीजो उतारी थी मैंने कागज़ परकल रात हीकविता में कई नए शब्द थेऔर नए भाव भीप्रमथ्यु के दर्द की बात थीऔर अंधेरे -उजालों की बातें भीसफेदपोशों की धज्जियां भी थींऔर जिंदा जलाये जाते मुर्दों का ज़िक्र भी थाबातें बहुत सारी थीं जहान भर कीकुछ ऐसी ही थीवो कविताजो फिलहालतैर रही थी बारिश के जमे पानी मेंगंदले शब्द घुल रहे थे उथले पानी मेंऔर मैं,मैं देख रहा था दम साधेकि कैसेएक कविता को तैरते देखहंस रही थीमेरी सबसे प्यारी कविता
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