Friday, October 26, 2012

आज पहला मौका था

आज पहला मौका था 
जब मैं तौली गयी मानव मस्तिष्क की तराजू पर 
थोड़ी सी झिझक 
पर मन में खुशी 
बंधन तो खुशियाँ ही देता है आज जाना 
अपने आप को पहचाना 
रिश्तों की गुलामी में आजाद मन से
अपने को जाना और को भी पहचाना
अच्छा लगा रिश्तों की कसौटी पर
संतुलन पर टिक पाना , संतुलन पर टिक पाना |

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