Saturday, October 17, 2015

याद है मुझे


वो कॉलेज के दिन
अधपकी जवानी
शैतानियों का मौसम
याद है मुझे।

वो नए-नए दोस्त
 नया-नया कैंपस
 लड़कियों से मिलना
 याद है मुझे।

वो कैंटीन में साथ जाना
इलायची चाय मंगाना
पैसे पर उलझ जाना
याद है मुझे।

वो उनसे निगाहों का मिलना
दिल में इश्क-कली खिलना
पक्का आशिक बन जाना
याद है मुझे।

वो साथ में फ़िल्में देखना
करना मिलने का बहाना
वो सारी कसमें खाना
याद है मुझे।

वो हम दोनों का बिछड़ना
घुट-घुट के रोज मरना
दर्द में आंहें भरना
याद है मुझे।

वो इस तरह दिल का टूटना
प्राण-प्रिय का साथ छूटना
अधूरे प्यार की पूरी कहानी
याद है मुझे।

Tuesday, January 13, 2015

आंखों से गिरते आंसू करते है ये सवाल,
 हमसे जो छीनी गई है उस हंसी की बात हो|
रोज वो शब कितना हसीं लगते है रंगे इश्क में,
इश्क में डूबे रहे और आशिकी की बात हो |